रिसेशन के टाइम पर कही भी जा सकता हू
में कवि हू कवि कही भी गा सकता हू !!!
मुझे सलारी की
परवाह नही ,
एसी के सुख की चाह नही,
मुझे नही चाहइये कोई अवार्ड,में नही मांगता तुमसे ताज
बस अपने पापा को कहना हे,ऑन जॉब हू आज!!!
हर वक्त जहाँ भी जाता हू , सॉफ्टवेर इंजिनईर होने का गुनाह फ़रमाया हे,
कल तक रिश्ते में , ठुकराता था , आज लड़की वालों ने ठुकराया हे!!!
इस पापी ने मेरे जीवन का हर सपना छेना
इसने तोह मेरे हाथ की अंगूठी को भी छीना
हम पर रिसेशन की ऐसी भी क्या मर हुयी
कल तो जो चेयर गद्दीदार थी, आज वही गद्दार हुयी!!!!
कल तक मेरा जिस दुकान पर था आना जाना,
उसी ने कह इया , जाओ बाबा कल आना
आफिस में जहाँ कंही भी जाता हु दिख जाते है यमराज
डर लगता है कंही नौकरी छूट न जाये आज
ध्यान रखो मेरे भाइओ , कंही ये नौकरी न जाये छूट
रिसेशन के यमराज से बचना है तो बन जाओ यमदूत
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